November 15, 2024

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चुनाव आयोग ने हटाया फिर भी जमे रहे कलेक्टर एसपी : कांग्रेस

E9 News, भोपाल (ब्यूरो) भिंड के अटेर में हुए उपचुनाव के परिणाम भी आ चुके हैं और कांग्रेस की जीत भी हासिल हुई है। लेकिन कांग्रेस अब भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। दरअसल चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों के चलते निर्वाचन आयोग ने भिंड के कलेक्टर और एसपी को हटाने के निर्देश दिए थे और सरकार ने दोनों पदों पर नयी नियुक्ति भी की थी। मतगणना होते ही सरकार ने कलेक्टर एसपी को ज्यों का त्यों भिंड में पदस्थ कर दिया है। इस मामले को लेकर मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने भारत निर्वाचन आयोग को शिकायत की है कि विगत दिनो भिंड के अटेर में विधान सभा उप चुनाव में प्रभावशील चुनाव आचार संहिता के दौरान कांग्रेस की गई शिकायतों के आधार पर निर्वाचन आयोग ने बड़े स्तर पर अधिकारियों के स्थानांतरण किए गए और कलेक्टर भिंड इलैया राजा टी को सचिवालय में और पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह को पुलिस मुख्यालय भोपाल में स्थानांतरित किया गया था।
कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा है कि दोनों ही अधिकारियों का निर्वाचन आयोग के आदेश के चलते प्रदेश सरकार ने तबादला तो कर दिया, लेकिन दोनों अधिकारियों ने जिला मुख्यालय भिंड नहीं छोड़ा और गोपनीय तरीके से अपने-अपने बंगलों से प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों को मार्गदर्शन कर भाजपा के पक्ष में चुनाव परिणाम प्रभावित कराने का काम करते रहे। जिसकी शिकायत कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से की थी कि कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के स्थानांतरण की मात्र खानापूर्ति हुई हैं, वास्तव में वे स्थानांतरित होकर कही पदस्थापित हुए ही नहीं हैं। जिसके संबंध में दोनों अधिकारियों के निवास के दूरभाष एवं मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकालकर जांच कराई जावें।
कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने 16.4.2017 रविवार को दो अलग-अलग आदेश जारी करते हुए पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह को जिला भिंड और कलेक्टर इलैया राजा टी को कलेक्टर भिंड वापिस पदस्थ कर दिया गया है। इससे साफ कि कलेक्टर की पदस्थापना  निर्वाचन आयोग के स्थानांतरण करने के उपरांत भी कहीं नहीं की गई और आदेश के कालम 4 में खाली स्थान छोड़ा गया है। इससे साफ हैं कि कलेक्टर भिंड इलैया राजा टी का प्रदेश सरकार ने कहीं स्थानांतरण किया ही नहीं और निर्वाचन आयोग के साथ छल कपट किया।
जेपी धनोपिया ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं के अन्तर्गत प्रजातांत्रिक तरीके से कराए जाने वाले चुनावों की प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन आयोग की शिकायत के आधार पर किए गए तबादलों को यदि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ऐसे ही वापिस पदस्थापना करेंगे, तो साफ है कि आने वाले समय में न ही निर्वाचन आयोग का महत्व कायम रहेगा और न ही प्रजातांत्रिक पम्पराओं का समुचित तरीके से अनुसरण हो सकेगा। इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह तथा महानिदेशक पुलिस के विरूद्ध निर्वाचन आयोग की अवमानना का प्रकरण दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए जिससे कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनर्रावृत्ति न हो सके।