E9 News, जांजगीर-मल्दाः मल्दा की चार सगी बहनें 19 अप्रैल को कटौद के चार सगे भाइयों के साथ सात फेरे लेंगी. अपने आप में इस अनूठी शादी की चर्चा क्षेत्र में इन दिनों जमकर है. शादी की सारी तैयारियां पूरी हो गई है. वर-कन्याओं पर हल्दी चढ़ गई है. त्रेता युग में राजा दशरथ के चार पुत्र और राजा जनक की चार पुत्रियों के विवाह की कहानी तो रामचरित मानस में लोगों ने पढ़ी है. इसमें भी दशरथ के चार बेटे तीन रानियों के थे मगर यह दृश्य कलयुग में भी मल्दा में आज दोहराया जाएगा. लोगों ने त्रेतायुग की बातें रामायण और कहानियों में पढ़ी और सुनी है, मगर यहां यह दृश्य वास्तविक रूप से दिखेगा. वर्तमान समय में जब भाई-भाई का आपस में नहीं जमता वहीं बहनों में भी छोटी-छोटी बात पर कहासुनी होती है. ऐसे में चार सगी बहनों का विवाह चार सगे भाइयों के साथ हो रहा है. यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है.जैजैपुर ब्लाक के ग्राम मल्दा निवासी धनाराम मौतमा की छह पुत्रियां है. इनमें से दो की पहले ही शादी हो चुकी है. चार पुत्री सुनीता, दुर्गा, शारदा और राधा की शादी नहीं हुई है. घर की कमजोर माली हालत और चार बेटियों के हाथ पीले करने की चिंता उसे सताए जा रही थी.
मगर जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है, यह कहावत धनाराम पर चरितार्थ हुई. परिजनों की मदद से उसकी बेटियों के लिए रिश्ते की बात चली और संयोग ऐसा कि एक दो नहीं चारों बेटियों का विवाह नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम कटौद निवासी लकेश राम कश्यप के चारों बेटों के साथ तय हो गया. सबसे बड़ी बहन सुनीता की शादी मालिकराम के साथ दूसरी बेटी दुर्गा की शादी सालिकराम, शारदा की हरप्रसाद के संग व राधा की हरिराम के साथ सगाई हो गई. 16 अप्रैल से मण्डप भी तैयार हो गया है. दोनों घरों में मंगल गीत गाए जा रहे हैं, हल्दी तेल का रस्म शुरू हो गया है. 19 अप्रैल को गोधुली बेला में चार भाइयों के साथ मल्दा की चार बहनों के साथ सात फेरे होंगे. मल्दा और कटौद के अलावा आसपास के गांवों में भी इस विवाह की चर्चा है. चारों बहनों के पिता धनाराम मौतमा ने बताया कि चारों बेटियां बारहवीं तक पढ़ चुकी हैं. उनकी उमर क्रमश: 26, 24, 22 और 19 वर्ष है. उनके दामाद में से मालिकराम और हरप्रसाद राजमिस्त्री का काम करते हैं. वहीं दो भाई सालिकराम और हरिराम उनके साथ मजदूरी करते हैं. मेहनत मजदूरी से परिवार हंसी खुशी चल रहा है.
चार बहुएं आने की खुशीः लड़कों की मां श्रीमती उर्मिला कश्यप का कहना है कि एक साथ चार बहुओं का स्वागत करने के लिए उनका पूरा परिवार आतुर है. बड़ी किस्मत से अवसर आया है. चार बेटों के पीछे चार बहुएं आ रही है और सभी सगी बहनें हैं. सबके तालमेल से परिवार आगे बढ़ेगा, यह उम्मीद है.
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