E9 News, शिमला (कीर्ति कौशल) छोटा पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश देश के सबसे साक्षर राज्य केरल को ई-विधान प्रणाली की ए.बी.सी. सिखाएगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा पेपरलेस है और यहां सारा कामकाज ऑनलाइन होता है। पड़ोसी राज्य हरियाणा सहित पूर्वोत्तर के राज्यों सहित देश के कुछ और राज्य हिमाचल से ई-विधान प्रणाली सीख रहे हैं। इस कड़ी में अब केरल भी शामिल हो जाएगा। मंगलवार को केरल विधानसभा अध्यक्ष ने शिमला में ई-विधान प्रणाली का अवलोकन किया। हिमाचल की ई-विधानसभा का जायजा लेने के बाद प्रभावित हुए केरल विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामाकृष्णन ने अपने राज्य में भी इसे लागू करने की बात कही।
श्रीरामाकृष्णन ने शिमला में हाउस लोर पर पूरी ई-विधान प्रणाली को देखा व समझा। उनके साथ अन्य अधिकारी भी थे। यहां उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश कई मायनों में केरल को टक्कर देता है। देश के बड़े राज्यों में केरल के बाद हिमाचल ही ओडीएफ घोषित हुआ है। इसके अलावा साक्षरता में हिमाचल केरल के बाद दूसरे नंबर पर है, लेकिन ई-विधान प्रणाली में हिमाचल ने बाजी मारी है।
हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल ने बताया कि देश भर से 20 से अधिक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल की इस ई-विधान प्रणाली को देख चुके हैं। हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल ने आईटी अधिकारियों के साथ ई-विधान के बारे में केरल विधानसभा अध्यक्ष व मेहमान अधिकारियों को बताया। बुटेल ने बताया कि किस तरह से पेपरलेस विधानसभा कार्य करती है और कैसे विधायकों के सवाल और जवाब की कार्यवाही चलती है। ई-विधान के तहत मंत्रियों के जवाब व विधायकों के सवाल कैसे दर्ज किए जाते हैं, इस बारे में भी केरल के प्रतिनिधिमंडल को बताया गया। केरल के मेहमानों ने सवालों के माध्यम से अपने संदेह भी दूर किये।
अगस्त 2014 में पेपरलेस हो चुकी है हिमाचल विधानसभाः हिमाचल में ई-विधानसभा प्रणाली शुरू करने का प्रोजेक्ट यूपीए-टू सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ। यूपीए सरकार ने इसके लिए 8.24 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट मंजूर किया था। हिमाचल ने इस प्रोजेक्ट को समय से पहले पूरा कर लिया था। हिमाचल में 5 अगस्त 2014 को विधानसभा को पेपरलेस घोषित किया गया था। तब से लेकर अब तक सारा कामकाज ई-विधान के जरिए होता है। पेपरलेस वर्क होने से हर साल 6096 पेड़ कटने से बचते हैं और सालाना 15 करोड़ रुपए की बचत भी होती है। विधानसभा में डिस्प्ले स्क्रीन लगाई गई हैं। सभी विधायकों, मंत्रियों व प्रेस गैलेरी में भी डिस्प्ले स्क्रीन लगी हैं। सारी कार्यवाही स्क्रीन पर दिखती है। किस विधायक के सवाल के जवाब में कितना समय लगा, ये सारी बातें दर्ज होती हैं। इससे समय व श्रम सहित धन की भी बचत होती है।
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