E9 News, नई दिल्ली (ब्यूरो): 19 मार्च को शपथ लेते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों को अपने ऑफिस में चाय पर बुलाया था. इसी बहाने वे सबसे मिले और उनके साथ चाय पर चर्चा की थी. इसी बैठक के दौरान योगी ने सभी मंत्रियों को पंद्रह दिनों में अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा था. ये डेडलाईन पांच अप्रैल को ख़त्म हो गयी. आपको जानकर हैरानी होगी सिर्फ तेरह मंत्रियों ने ही अपनी संपत्ति की जानकारी दी. यूपी के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के पास सबको अपनी जायदाद का ब्यौरा देना था. योगी के मंत्री किस तरह अपनी संपत्ति की जानकारी दें, इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक फ़ार्म भी बनवाया था. जिसमें सबको ये बताना है कि मंत्री बनने से पहले उनकी कमाई का जरिया क्या था. किसी कंपनी से उनका कोई लेनादेना तो नहीं है. किस साल में मंत्री जी ने कौन सी संपत्ति खरीदी. डेडलाईन ख़त्म होने के बाद जब सिर्फ तेरह मंत्रियों ने ही योगी की बात मानी तो फिर सीएम ने फिर से तेरह अप्रैल को एक और चिट्ठी लिख दी. योगी ने इस बार सोलह अप्रैल तक की डेडलाईन दी. दूसरी चिट्ठी के बाद अब छह और मंत्रियों ने अपनी जायदाद का ब्योरा दिया है. यानी कुल मिलाकर अभी तक सिर्फ 19 मंत्रियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा सौंपा है.
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