November 15, 2024

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एकजुट हुआ विपक्ष, सोनिया-नीतीश की मुलाकात से गरमाई राजनीति

E9 News,पटना: बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के बाद अगले सप्ताह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से होने वाली मुलाकात से विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए साझा उम्मीदवार उतारने की कोशिश तेज हो गई है. इस वर्ष जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में साझा उम्मीदवार खड़ा करने के लिए विपक्ष मन बना चुका है. इसके मद्देनजर पहले कुमार सोनिया गांधी से मिले और उसके बाद माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी कांग्रेस अध्यक्ष से अलग से मुलाकात कर इस मुद्दे पर बातचीत की. राजद अध्यक्ष लालू यादव की कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात को इस प्रयास की अहम कड़ी माना जा रहा है. इस मुलाकात का उद्देश्य राष्ट्रपति पद के साझा उम्मीदवार के लिए मजबूत रणनीति तैयार करना है. यादव ने पत्रकारों से कहा,‘‘सोनिया गांधी ने फोन करके मुझे अगले हफ्ते मुलाकात करने के लिए आमंत्रित किया है. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को रोकने के लिए धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का महागठबंधन बनाने की जरूरत पर भी चर्चा होगी.

क्या राष्ट्रपति चुनाव पर असर पड़ेगा : राष्ट्रपति के लिए जो जरूरी वोट है, मौजूदा समीकरण केंद्र के सत्ताधारी गठबंधन के पक्ष में है. एनडीए के पास जितने सांसद और विधायक हैं उसके हिसाब से मोदी को राष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने में थोड़ी भी मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. राष्ट्रपति चुनाव के लिए जितने वोटों की जरूरत है मौजूदा गठबंधन के पास सिर्फ 20 हज़ार वोटों की कमी है, जिसका इंतजाम करना कोई मुश्किल नहीं है.

लोकसभा का गणित क्या कहता है : लोकसभा में अभी 545 सांसद हैं. तीन सीटें खाली हैं और दो एंग्लो इंडियन समुदाय के सदस्यों को वोट करने का अधिकार नहीं है तो सदन की संख्या 540 हुई. इसमें एनडीए के कुल 339 सांसद हैं जिनमें दो मनोनीत सदस्य हैं. अब चुनाव में वोट देने वाले कुल सदस्य 337 हुए. हर सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है. इस तरह लोकसभा में एनडीए के कुल 2 लाख 38 हजार 596 वोट हुए.

अब राज्यसभा का गणित समझिए: 245 सांसदों वाली राज्यसभा में ओडिशा और मणिपुर की एक-एक सीट खाली है. इसके बाद 243 सांसद बचे. इनमें 12 मनोनीत सदस्य हैं. एनडीए के कुल 74 सांसद हैं, चार मनोनीत हैं तो बचे 70 सांसद. एक वोट का मूल्य 708 होता है. इस हिसाब से राज्यसभा में एनडीए के 49 हजार 560 वोट हुए.

राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों का गणित क्या कहता है: राष्ट्रपति के लिए सांसद के साथ विधायक भी वोट डालते हैं. 29 राज्यों में से 17 राज्यों में एनडीए की सरकार है जबकि सभी राज्य मिलाकर एनडीए के 1805 विधायक हैं. सांसदों के वोट का मूल्य निश्चित है लेकिन विधायकों के वोट का मूल्य अलग-अलग राज्यों की जनसंख्या के अनुसार होता है. जैसे सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के एक विधायक के वोट का मूल्य 208 है तो सबसे कम जनसंख्या वाले प्रदेश सिक्किम के वोट का मूल्य मात्र 7 हैं. विधायकों के वोट का हिसाब करें तो एनडीए के 1805 विधायकों के वोटों का मूल्य 2 लाख 44 हजार 436 है.

एऩडीए का आंकड़ा कहां तक पहुंचा है: लोकसभा और राज्य सभा के 771 सांसदों के हैं इस हिसाब से कुल 5 लाख 45 हजार 868 वोट होते हैं. जबकि पूरे देश में 4120 विधायक हैं. विधायकों के कुल वोट 5 लाख 47 हजार 786 हैं. देश में कुल वोट हैं 10 लाख 93 हजार 654 और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5 लाख 46 हजार 828 वोट चाहिए. एनडीए के सांसद और विधायकों का वोट जोड़कर 5 लाख 32 हजार 592 हुआ, यानी एनडीए को अभी जीत के लिए और 14 हजार 236 वोट चाहिए. अब मान लिया जाए कि उपचुनाव की सभी सीटों पर बीजेपी जीत जाती है तो तीन सांसदों के 2124 वोट और 10 राज्यों की 12 विधानसभा सीटों के 1388 वोट को जोड़ दें तो कुल 3512 वोट होते हैं. यानी अब भी एनडीए को 10 हजार 724 वोट चाहिए और इन्हीं वोटों के लिए एनडीए बड़े स्तर पर विचार करने के लिए आज जुटा है.