E9 News, श्रीनगर (साजिद मनुवार्डी) हिंसा से सुलगता जम्मू-कश्मीर राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है? सत्ता के गलियारों में अब ये सवाल उठ रहा है. राज्य में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन के बीच बढ़ती दरार ऐसे कयासों को और हवा दे रही है.
गठबंधन में गांठ : राज्य में सत्ताधारी गठबंधन में कलह की एक नजीर गुरुवार को सामने आई जब पीडीपी विधायकों और मंत्रियों विधानपरिषद् के नए सदस्यतों के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया. शुक्रवार को दोनों पार्टियों में बैठकों का दौर चलता रहा. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी राम माधव ने राज्य के वित्त मंत्री और पीडीपी के सीनियर नेता हसीब द्राबू से मुलाकात की. खबरों के मुताबिक द्राबू ने बीजेपी नेता चंद्र प्रकाश गंगा के उस बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने पत्थरबाजों को गोली से जवाब देने की बात कही थी. उन्होंने एमएलसी चुनाव में पीडीपी उम्मीदवार अब्दुल कयूम की हार का मुद्दा भी उठाया. कयूम बीजेपी के असर वाली जम्मू सीट से प्रत्याशी थे. लेकिन फिर भी महज एक वोट से हार गए थे. इस मुलाकात के बाद माधव गवर्नर एन एन वोहरा से भी मिले.
घाटी में बिगड़ते हालात : पिछले साल हिज्बुल के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. राज्य की महबूबा मुफ्ती सरकार हिंसा को काबू करने में नाकाम रही है. दक्षिणी कश्मीर के अलावा अब उत्तरी हिस्सों में भी हिंसा फैल रही है. सरकार के अपने आंकड़ों के मुताबिक पिछले 9 महीनों में 250 से ज्यादा नौजवानों से हथियार उठाए हैं. इस महीने श्रीनगर लोकसभा उप-चुनाव में महज 7.14 फीसदी वोटिंग ने केंद्र की चिंता को और बढ़ाया है.
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