November 15, 2024

E9 News

Search for the Truth

बिहार विधान सभा के विशेष सत्र में GST बिल पारित

E9 News,पटना: वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) को बिहार विधानमंडल से पारित करने के लिए सोमवार को विशेष सत्र बुलाया गया. बिहार विधानसभा में जीएसटी बिल को चर्चा के बाद सर्व सम्मति से पारित कर दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि बिहार माल और सेवा कर विधेयक 2017 को स्वीकृत किया गया. इससे पूर्व विधानसभा में विरोधी दल के नेता डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि जीएसटी बिल के पारित होने से वस्तुओं की कीमतों में कमी आयेगी. विशेष सत्र में सत्ता पक्ष के सभी मंत्रियों के अलावा विपक्ष के सभी सदस्य और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी मौजूद थे. चर्चा के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा सकारात्मक भूमिका के लिए जानी जाती है. हम हमेशा सकारात्मक बात ही करते हैं. इसलिए हम इस विधेयक का समर्थन करते हैं. वहीं, वाणिज्य कर और ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सच अपनी जगह कायम रहता है. यह सच है कि इस बिल का मुख्यमंत्री रहते वक्त नरेंद्र मोदी ने विरोध किया था, लेकिन हम अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गर्व करते हैं कि देशहित में अकेले यह व्यक्ति सही बातों का समर्थन करते हैं. हम 82 साल बाद आजाद भारत में एक नया कानून ला रहे हैं, यह एक ऐतिहासिक क्षण है. इसमें केवल एक दल को क्रेडिट देना ठीक नहीं है. मैं सभी का आभार प्रकट करता हूं. यह एक नयी व्यवस्था आयी है. निश्चित तौर से देश को फायदा होगा, तो बिहार का भी फायदा होगा. इस कानून से देश के छोटे व्यापारियों और गांव के लोगों को काफी सहूलियत होगी. यह एक नयी शुरुआत है. इसलिए इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया जाये. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधेयक को पारित होने की घोषणा की. उसके अलावा विधानसभा में बिहार कराधान विधि संशोधन विधेयक, बिहार राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, पटना विवि संशोधन विधेयक और भू-अर्जन पुनर्वास और पुन पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार संशोधन विधेयक भी सर्व सम्मति से पारित किया गया. पहले दो विधेयकों को प्रभारी मंत्री विजेंद्र यादव ने सदन के पटल पर रखा, जबकि बाकी के दो को शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने सदन में रखा. सभी विधेयकों को पूर्ण सहमति से पारित किया गया. हालांकि राज्य विवि संशोधन विधेयक को जनमत जानने का प्रस्ताव खारिज हो गया.