E9 News, चंडीगढ़: हरियाणा में कई दिनों से भाजपा का एक खेमा नाराज चल रहा है। इस खेमे की नाराजगी का एक बड़ा कारण इनके प्रति अफसरों की अनदेखी है। इनको मनाने के लिए कई बार विधायकों को मुख्यमंत्री ने मिलने के लिए न्यौता दिया और मिले भी लेकिन इनकी नाराजगी खत्म नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा इनकी विधानसभा क्षेत्रों में नियुक्ति करेंगे। लेकिन शुक्रवार को तबादलों के पहले चरण में आई एचसीएस अधिकारियों की सूची में भाजपा विधायकों की एक नहीं चली है। सरकार ने अपने नजरिए से एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट लगाए हैं। अब आईएएस की तबादला सूची भी सरकार जल्द ही जारी कर सकती है। अब सत्ता पक्ष के विधायकों की निगाहें आने वाली डीसी और अन्य उच्च अधिकारियों पर टिक गई हैं। अगर इसमें भी विधायकों की चाहत के अफसर नहीं लगाए गए तो ये सरकार के खिलाफ विद्रोह की आवाज और बुलंद कर सकते हैं। इन विधायकों की एचसीएस के तबादलों में एक नहीं चली है। जिसका ताजा उदाहरण मुलाना की भाजपा विधायक संतोष सारवान के बेटे को एसडीएम के पद से हटाना है। सरकार ने आईएएस के फेरबदल में भाजपा विधायकों को तवज्जो नहीं दी तो उनका आक्रोश फिर फूट सकता है, क्योंकि 16 विधायक सरकार की नीतियों से नाखुश चलने की वजह से पहले ही मोर्चा खोले हुए हैं।
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