E9 News, देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने BJP सरकार की पहली कैबिनेट से पहले अचानक सचिवालय उसी जगह पर पहुंच गए जहां पर कैबिनेट होनी थी। पहले तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को देखकर वहां खड़े सभी बीजेपी के नेता और मीडियाकर्मी अचंभित हो गए लेकिन कुछ देर बाद जब पीछे से कुछ लोग उनके लिए फूल के बुके लेकर आए तब पूरा माजरा सामने आया। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से शिष्टाचार मुलाकात करने के लिए आए थे। लगभग 15 मिनट तक चली हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत की इस मुलाकात के बाद हरीश रावत ने कहा कि वह यहां पर सिर्फ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से शिष्टाचार मुलाकात करने आए थे। हालांकि, उदासी भरे मन से हरीश रावत ने अपना पक्ष भी रख दिया। हरीश रावत ने कहा कि सरकार से वह चाहते हैं कि कुछ मुद्दों पर वह गंभीरता से विचार करे। हरीश रावत ने शराब से लेकर खनन और दूसरी नीतियों पर सरकार को सुझाव देने की भी बात की है। पूर्व सीएम ने कहा कि अगर सरकार चाहे तो वह उन्हें सुझाव भी दे सकते हैं। हरीश रावत ने शराब नीति पर कहा कि जिस तरह से खबर आ रही है कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग को जिला मार्ग घोषित करने जा रही है यह निर्णय सरकार का सही नहीं है। इस पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। वहीं, शराबबंदी पर रावत ने कहा कि जिस तरह से पूरे प्रदेश भर में एक माहौल बनाया जा रहा है, यह सरकार के लिए कोई छोटा काम नहीं होता। इसके लिए कई तरह के अध्ययन करने पड़ते हैं। हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत से यह भी कहा है कि उनके पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने बीजेपी की सरकार को पत्र लिखकर शराब को लेकर कई तरह की बातें कही है जिस पर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए। सत्ता से बेदखल होने के बाद सचिवालय पहुंचे हरीश रावत की बॉडी लैंग्वेज देखते ही बन रही थी। इस बार ना तो उनके साथ कोई लाव-लश्कर था और ना ही उनके साथ पार्टी के नेता। हरीश रावत यहां पर सहज भाव से आए और सहज भाव से ही चले गए।
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