
E9 News, इस्लामाबाद। दुर्दांत आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने फरवरी में सीरिया गई और हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने वाली 20 वर्षीय मेडिकल छात्रा ने कहा है कि उसे लाहौर शहर में ईस्टर पर एक चर्च में हमला करने के लिए आत्मघाती विस्फोटक के तौर पर इस्तेमाल किया जाना था। उसे आईएस ने इस हमले के लिए दो आत्मघाती जैकेट, चार ग्रेनेड और कुछ गोलियां दी थी। सिंध के जमशोरो में लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ सांइसेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा नौरीन लघारी ने कहा कि उसने लाहौर जाने के लिए घर छोड़ दिया था।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर द्वारा दिखाए एक वीडिया में नौरीन ने स्वीकार किया कि इस्लामिक स्टेट उसे ईस्टर संडे पर चर्च पर हमला करने के लिए आत्मघाती विस्फोटक के रूप में इस्तेमाल करने वाला था। छात्रा ने कहा कि उसे आईएस ने इस हमले के लिए दो आत्मघाती जैकेट, चार ग्रेनेड और कुछ गोलियां दी थी। बहरहाल, सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया और इस महिला समेत दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया, जिससे इस हमले की योजना विफल हो गई।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, यह छात्रा फरवरी में आईएस में शामिल होने सीरिया गई थी। उसने सीरिया में हथियार चलाने की ट्रेनिंग हासिल की। नौरीन करीब तीन सप्ताह पहले लाहौर आई और सुरक्षाकर्मी उस पर नजर रखे हुए थे। उसने सोशल मीडिया के जरिये आतंकवादियों से संपर्क किया। अपना घर छोड़ने के बाद और आतंकवादियों के साथ शामिल होने के बाद उसने लाहौर के अली तारिक से शादी की, जो पिछले सप्ताह पंजाब हाउसिंग सोसायटी में मुठभेड़ में मारा गया। इस मुठभेड़ में चार सुरक्षा कर्मी भी घायल हो गए। इस बीच विश्वविद्यालय के कुलपति नौशाद शेख ने कहा कि महिला लंबे समय से सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति के संपर्क में थी जिसने उसे कट्टरपंथी बना दिया। लाहौर पुलिस ने बताया कि वह फेसबुक पर आईएस से जुड़े एक व्यक्ति के संपर्क में थी, जहां उसने आईएस प्रमुख के प्रति निष्ठा जताई थी। चरमपंथी विचारों के कारण फेसबुक ने उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया था।
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