
E9 News, नई दिल्लीः लोकसभा में मंगलवार को शत्रु संपत्ति संशोधन विधेयक को मंजूरी मिल गई है, जिसमें युद्ध के बाद चीन और पाकिस्तान पलायन कर गए लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति के उत्तराधिकार या हस्तांतरण के दावों को खारिज करने का प्रावधान है। शत्रु संपत्ति (संशोधन और मान्यकरण) विधेयक 2016, 10 मार्च को राज्यसभा में ऐसे समय में पारित किया गया था, जब विपक्षी सदस्य सदन में लगभग नदारद थे। लोकसभा में इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया।
विधेयक पिछले साल मार्च में लोकसभा में पहले ही पारित किया जा चुका था। इसे राज्यसभा द्वारा किए गए संशोधनों के लिए फिर से लोकसभा में पेश किया गया था।इस विधेयक के तहत शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968, को संशोधित किया गया है। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार शत्रु संपत्ति के सभी अधिकार कस्टोडियन के अधीन होंगे और इसके अनुसार शत्रु संपत्ति का हस्तांतरण नहीं किया जा सकेगा। यह कानून अबतक हुए सभी शत्रु संपत्ति हस्तांतरणों पर मान्य होगा। नए विधेयक के अनुसार, शत्रु के उत्तराधिकारी या कानूनी उत्तराधिकारी उसकी संपत्ति के हकदार नहीं होंगे। विधेयक के अनुसार, नागरिक अदालतों और अन्य प्राधिकारों को शत्रु संपत्ति से संबंधित मुद्दों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं होगा।
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