
E9 News, नई दिल्लीः ओला और उबर के चालकों ने 13 दिन लंबी अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। दिल्ली सरकार और दोनों कंपनियों ने उनकी ज्यादातर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। दो टैक्सी कंपनियों के साथ काम कर रहे हजारों चालक कम वेतन और बुनियादी सुविधाओं के अभाव का हवाला देते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन ऑफ दिल्ली (एसडीएडी) ने कहा कि उन्होंने हड़ताल 27 फरवरी तक के लिए समाप्त कर दी है, क्योंकि ऐप वाली कैब कंपनियों ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए समय मांगा है। इस संगठन का दावा है कि वह दिल्ली-एनसीआर के 1.5 लाख चालकों का प्रतिनिधित्व करता है.दिल्ली सरकार ने हड़ताल कर रहे चालकों और उबर तथा ओला के प्रतिनिधियों के साथ आज बैठक की। इसके बाद हड़ताल वापस ले ली गई। यह बठक करीब चार घंटे चली।
एसडीएडी के उपाध्यक्ष रवि राठौड़ ने कहा कि बठक में एक ओला प्रतिनिधि ने डीडीडी नियम को खत्म करने का आश्वासन दिया। इस नियम के तहत चालक को 500 रुपये का जुर्माना देना होता था, अगर वह यात्री को ले जाने से मना करता था। इसके अलावा कंपनी छह रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर किराया देने में भी सहमत हो गई है। संगठन के दावे पर ओला ने कोई टिप्पणी नहीं करते हुए ‘नो कमेंट’ कहा है। राठौड़ ने कहा है कि अगर उनके नियोजकों ने मांगे पूरी नहीं की तो वह 27 फरवरी से हड़ताल पर जाएंगे। दिल्ली-एनसीआर में नियमित यात्रा करने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि ओला और उबर 10 फरवरी से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। हालांकि पिछले तीन दिनों से हड़ताल का प्रभाव कम हो रहा था, क्योंकि ज्यादातर सदस्यों ने कैब चलानी शुरू कर दी थी।
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